दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय जय मां गायत्री जय मां सरस्वती
(ॐ जय माँ गायत्री !)
मातु कृपा बल बुद्धि मिलै धन बैभउ सीलु सुभाउ उछाहू ।
ध्यानु धरै नितु सुद्ध मना जहु बाहि हँ देबि करैं त निबाहू ।
सक्ति अखंडु दिखै चहुँ ओरिउ कष्टु अमंगलु दूरि भजाहू ।
हंसु चढ़ी चलि आउ दयालु मनोरथु पूरितु होयि सुजाहू ।।
(ॐ जय माँ सरस्वती)
धियाबतु तोहिं निरजंनि मातु बिना तुम्हरे कछु काजु सरै ना ।
सधै नहिं रंगु पगै न तरंगु बिना तुम्हरे कछु भाउ भरै ना ।
सहायि भईं हँ त सूरसती अवलंबु बिना कछु भाउ भरै ना ।
धरा करती भलु रूपु अलौकिकु देबि बिना कछु ग्यानि गरै ना ।।
सुनीता गुप्ता "सरिता"कानपुर
Suryansh
14-Oct-2022 08:51 PM
बहुत ही उम्दा
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आँचल सोनी 'हिया'
13-Oct-2022 12:07 AM
Bahut khoob 🙏🌺
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
12-Oct-2022 06:40 AM
बहुत ही भावमय प्रस्तुति
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