Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय जय मां गायत्री जय मां सरस्वती

(ॐ जय माँ गायत्री !)

मातु कृपा बल बुद्धि मिलै धन बैभउ सीलु सुभाउ उछाहू ।
ध्यानु धरै नितु सुद्ध मना जहु बाहि हँ देबि करैं त निबाहू ।
सक्ति अखंडु दिखै चहुँ ओरिउ कष्टु अमंगलु दूरि भजाहू ।
हंसु चढ़ी चलि आउ दयालु मनोरथु पूरितु होयि सुजाहू ।।

(ॐ जय माँ सरस्वती)

धियाबतु तोहिं निरजंनि मातु बिना तुम्हरे कछु काजु सरै ना ।
सधै नहिं रंगु पगै न तरंगु बिना तुम्हरे कछु भाउ भरै ना ।
सहायि भईं हँ त सूरसती अवलंबु बिना कछु भाउ भरै ना ।
धरा करती भलु रूपु अलौकिकु देबि बिना कछु ग्यानि गरै ना ।।

               सुनीता गुप्ता "सरिता"कानपुर

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8 Comments

Suryansh

14-Oct-2022 08:51 PM

बहुत ही उम्दा

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Bahut khoob 🙏🌺

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बहुत ही भावमय प्रस्तुति

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